ठाकुर दुर्गा सिंह गहलोत
(स्वतंत्रता संग्राम के पहले राजपूत क्रांतिकारी )
महाराणा प्रताप के वंसज ठाकुर दुर्गा सिंह जी भी अपने पूर्वजो के तरह देश के लिए शहीद हुए !मात्रभूमि की रक्षा के लिए वे ही नहीं उनका वफादार कुत्ता भी गोली खा अमर हुआ !
धोलाना गाँव जो की गाजिय्बाद मैं स्थित है ,जिसे राजा चुड्मल द्वारा विक्रम सम्वंत 1384 वैशाख शुदी पंचम दिन बसाया गया था !ये राणा प्रताप के वंसज थे व् चित्तोड़ से आकर यहाँ बसे थे !धोलाना से 60 गाँव बसे जिस वजह से यह क्षेत्र साठा कहलाया !क्योकि मुक्य गाँव धोलाना था इस कारन से यह गाँव "चोधर का गाँव "कहलाया !60 गाँवों मैं इन्ही की पगड़ी बांधती हैं !
राजा चुड्मल की 8 वि पीढ़ी तक इनके वंसज राजा कहलाये पर 9 वि पीढ़ी मैं राणा चंचल सिंह गहलोत को 60 गाँव के "चोधरी"की उपाधि दी गयी !इनका साठे मैं विशेष सम्मान हैं !आज भी गाँव की सभी परम्परये इन्ही के घर से शुरू होती हैं !चौधरी चंचल सिंह राणा के दो पुत्र हुए !बड़े नोनिधि सिंह व् छोटे दुर्गा सिंह !दोनों ही बड़े वीर थे !बड़े पुत्र नोनिधि सिंह अपने पिता के पास रहे व् दुर्गा सिंह शिक्षा ग्रहण करने हेतु इंग्लैंड चले गए !उन दिनों अंग्रेजो का अत्याचार चरम पर था !भारतीयों पर हर जगह अत्यचार हो रहा था ,जिसे उन्होंने इंग्लैंड जाने पर महसूस किया !वो अपने शिक्षा बीच मैं छोड़ कर वापस आगये !यहाँ आ कर उन्होंने राजपूत युवको का दल बनाया !इस दल का लक्ष्य देश को आजाद करवाना था !सभी ने मात्र भूमि के लिए कसम खाए !चौधरी साहब की घुडसाल व् हाथी खाने मैं बैठक होने लगी !जहाँ बैठक होती थी उसे आज भी लोग टप्पा कहते है !टप्पा अंग्रेजो को चकमा देने के लिए गूढ़ शब्द था !उस समय धोलाना मेरठ जीले की तहसील थी !मेरठ मैं जब मंगल पण्डे ने वेद्रोह किया तो उसकी खबर दुर्गा सिंह तक भी पहुची !उन्होंने अपने दल को इकठा किया और कहा की अब्ब चुप बेठना देश के साथ गद्दारी होगी तो सभी ने पुचा की हमे क्या करना चाहेये ?दुर्गा सिंह ने कहा की "मेरी योजना है की तहसील और थाने को अग्ग लगा कर गोरो को उसे मैं जला दे "!दुर्गा सिंह ने सभी को सुबह टायर रहने को कहा !जिसमे तेरह राजपूत व् एक बनया था !सभी देश भक्ति की भावना से भरे हुए थे !
11 मई 1857 की सुबह सभी टप्पे मैं इकट्टे हुए और अपने अराद्य शिव को नमन कर हर हर महादेव का जय घोष करते हुए तहसील की तरफ बढे और उसे गोरो सहित जला देय,इसके बाद थाने पहुच कर इंचार्ज सहित थाने को भी सवः कर दीया !
इसके बाद सभी देल्ही की तरफ चल दिए !लाला किले पर गोरो का झंडा लगा हुआ था !वहां दुर्गा सिंह के बड़े भाई नोनिधि सिंह राणा ने उनिओन जेक्क उतर कर फाड़ दीया !और अपने केसर्य पगड़ी को लहरा दीया !तभी किसी गोरे ने गोली चला दे जिसके कारन नोनिधि सिंह राणा वीर गति को प्राप्त हुए !
इस गठना के 8 माह बाद 21 दिसम्बर 1857 को अंग्रेज ऑफिसर डेनियल किसी गद्दार की सूचना अ अनुसार धोलाना मैं अपनी फोज सहित सूरज उगने से पहले पहुच गया और गाँव को घेर लिया !गाँव मैं दुर्गा सिंह और उनके वफादार साथी तेज सिंह के बारे मैं पूछा जाने लगा !सभी क्रांति करी चाहते थे की दुर्गा सिंह बचे रहे क्योकि उनके बड़े भाई पहले ही सहीद हो चुके थे !दूसरा कारन उन्हें बचने का यह था की उनके बाद उनका दल नेत्रत्व हिन् हो जायेगा आपका जिन्दा रहना जरुरी हैं !आप अगेर रहे तो गोरो का फिर से सामना करेंगे !पर दुर्गा सिंह तेज सिंह के वृद्ध पता तथा उनकी नव विवाहेता पत्नी की बेज्जती बर्दस्थ नहीं कर सके और सवम सामने आगये !डेनियल ने दुर्गा सिंह को बागी कहा तब आप ने कहा के मैं बागी नहीं क्रांतिकारी हूँ !डेनियल ने दुर्गा सिंह को कहा की अगर तुम माफ़ी मांगो तो तुम्हे छोड़ सकता हूँ !तब दुर्गा सिंह ने उससे कहा की अपनी जबान को लगाम दे !हम महराना प्रताप के वंसज हैं ,प्राणों के डर से माफ़ी नहीं मांगने वाली और इसे के साथ लात मर कर डेनियल को गिरा दीया व् उसके मुह पर ठुक दीया !अपमानित डेनियल ने दुर्गा संघ पर कोड़े बरसाने का आदेश दीया पर दुर्गा सिंह "वन्दे मातरम व् भारत माता की जय "का घोष करने लगे !डेनियल इससे गुस्सा हो गया और दुर्गा सिंह को फंसी पर लटकाने का आदेश दे दीया !दुर्गा सिंह के गले मैं फंसी का फंदा दाल दीया गया !ठाकुर दुर्गा सिंह का चेहरा जोशा से भरा हुआ था !सभी क्रांति करी उनके साथ देश भक्ति गीत गा रहे थे तभी उनके वफादार कुत्ते ने देंयल पर हमला बोल दीया ,और उसे काट लिया !डेनियल एक पल के लिए घबरा गया !अपमान से कांपते हुए डेनियल ने कुत्ते को गोली मर दे व् दुर्गा सिंह को फांसी दे दी गयी !इसके बाद मकदूम सिंह,जीना सिंह,दोलत सिंह,चन्दन सिंह,वजीर सिंह चौहान,तेज सिंह,सुमेर सिंह,किद्दा सिंह ,वसंत सिंह,साहब सिंह,बलवीर सिंह व् लाला झनकूमॉल को भी फांसी दे दी गई !पुरे दिन गाँव मैं लूट पाट,आगजनी व् बलात्कार का दमन चक्र चलता रहा !इसके बाद अंग्रेज वहां से चले गए !
चौधरी चंचल सिंह के दोनों पुत्र मात्र भूमि पर बलि चढ़ गए तथा चौधरी साहब की जमीदारी छीन ली गयी !गाँव को गोरो ने अपने अधीन कर लिया !गोरो के जाने के बाद चौधरी साहब ने अपने वफादारो के साथ उन 14 सपूतो को गड्ढे से बहार नकल कर उनका सामूहिक दह संस्कार किया !जिस जगह इन वीरो का दह संस्कार हुआ था वहां पर एक मद टायर करदे गई !जिसका नाम क्षत्रिय दीया गया !जो आज छत्री के नाम से जानी जाती है जो क्षत्रिय का बिगड़ा हुआ रूप हैं !
उन वीर सपूतो को नमन है जिन्होंने अपने प्राणों का बलिदान मात्रभूमि की लिए किया !
(स्वतंत्रता संग्राम के पहले राजपूत क्रांतिकारी )
महाराणा प्रताप के वंसज ठाकुर दुर्गा सिंह जी भी अपने पूर्वजो के तरह देश के लिए शहीद हुए !मात्रभूमि की रक्षा के लिए वे ही नहीं उनका वफादार कुत्ता भी गोली खा अमर हुआ !
धोलाना गाँव जो की गाजिय्बाद मैं स्थित है ,जिसे राजा चुड्मल द्वारा विक्रम सम्वंत 1384 वैशाख शुदी पंचम दिन बसाया गया था !ये राणा प्रताप के वंसज थे व् चित्तोड़ से आकर यहाँ बसे थे !धोलाना से 60 गाँव बसे जिस वजह से यह क्षेत्र साठा कहलाया !क्योकि मुक्य गाँव धोलाना था इस कारन से यह गाँव "चोधर का गाँव "कहलाया !60 गाँवों मैं इन्ही की पगड़ी बांधती हैं !
राजा चुड्मल की 8 वि पीढ़ी तक इनके वंसज राजा कहलाये पर 9 वि पीढ़ी मैं राणा चंचल सिंह गहलोत को 60 गाँव के "चोधरी"की उपाधि दी गयी !इनका साठे मैं विशेष सम्मान हैं !आज भी गाँव की सभी परम्परये इन्ही के घर से शुरू होती हैं !चौधरी चंचल सिंह राणा के दो पुत्र हुए !बड़े नोनिधि सिंह व् छोटे दुर्गा सिंह !दोनों ही बड़े वीर थे !बड़े पुत्र नोनिधि सिंह अपने पिता के पास रहे व् दुर्गा सिंह शिक्षा ग्रहण करने हेतु इंग्लैंड चले गए !उन दिनों अंग्रेजो का अत्याचार चरम पर था !भारतीयों पर हर जगह अत्यचार हो रहा था ,जिसे उन्होंने इंग्लैंड जाने पर महसूस किया !वो अपने शिक्षा बीच मैं छोड़ कर वापस आगये !यहाँ आ कर उन्होंने राजपूत युवको का दल बनाया !इस दल का लक्ष्य देश को आजाद करवाना था !सभी ने मात्र भूमि के लिए कसम खाए !चौधरी साहब की घुडसाल व् हाथी खाने मैं बैठक होने लगी !जहाँ बैठक होती थी उसे आज भी लोग टप्पा कहते है !टप्पा अंग्रेजो को चकमा देने के लिए गूढ़ शब्द था !उस समय धोलाना मेरठ जीले की तहसील थी !मेरठ मैं जब मंगल पण्डे ने वेद्रोह किया तो उसकी खबर दुर्गा सिंह तक भी पहुची !उन्होंने अपने दल को इकठा किया और कहा की अब्ब चुप बेठना देश के साथ गद्दारी होगी तो सभी ने पुचा की हमे क्या करना चाहेये ?दुर्गा सिंह ने कहा की "मेरी योजना है की तहसील और थाने को अग्ग लगा कर गोरो को उसे मैं जला दे "!दुर्गा सिंह ने सभी को सुबह टायर रहने को कहा !जिसमे तेरह राजपूत व् एक बनया था !सभी देश भक्ति की भावना से भरे हुए थे !
11 मई 1857 की सुबह सभी टप्पे मैं इकट्टे हुए और अपने अराद्य शिव को नमन कर हर हर महादेव का जय घोष करते हुए तहसील की तरफ बढे और उसे गोरो सहित जला देय,इसके बाद थाने पहुच कर इंचार्ज सहित थाने को भी सवः कर दीया !
इसके बाद सभी देल्ही की तरफ चल दिए !लाला किले पर गोरो का झंडा लगा हुआ था !वहां दुर्गा सिंह के बड़े भाई नोनिधि सिंह राणा ने उनिओन जेक्क उतर कर फाड़ दीया !और अपने केसर्य पगड़ी को लहरा दीया !तभी किसी गोरे ने गोली चला दे जिसके कारन नोनिधि सिंह राणा वीर गति को प्राप्त हुए !
इस गठना के 8 माह बाद 21 दिसम्बर 1857 को अंग्रेज ऑफिसर डेनियल किसी गद्दार की सूचना अ अनुसार धोलाना मैं अपनी फोज सहित सूरज उगने से पहले पहुच गया और गाँव को घेर लिया !गाँव मैं दुर्गा सिंह और उनके वफादार साथी तेज सिंह के बारे मैं पूछा जाने लगा !सभी क्रांति करी चाहते थे की दुर्गा सिंह बचे रहे क्योकि उनके बड़े भाई पहले ही सहीद हो चुके थे !दूसरा कारन उन्हें बचने का यह था की उनके बाद उनका दल नेत्रत्व हिन् हो जायेगा आपका जिन्दा रहना जरुरी हैं !आप अगेर रहे तो गोरो का फिर से सामना करेंगे !पर दुर्गा सिंह तेज सिंह के वृद्ध पता तथा उनकी नव विवाहेता पत्नी की बेज्जती बर्दस्थ नहीं कर सके और सवम सामने आगये !डेनियल ने दुर्गा सिंह को बागी कहा तब आप ने कहा के मैं बागी नहीं क्रांतिकारी हूँ !डेनियल ने दुर्गा सिंह को कहा की अगर तुम माफ़ी मांगो तो तुम्हे छोड़ सकता हूँ !तब दुर्गा सिंह ने उससे कहा की अपनी जबान को लगाम दे !हम महराना प्रताप के वंसज हैं ,प्राणों के डर से माफ़ी नहीं मांगने वाली और इसे के साथ लात मर कर डेनियल को गिरा दीया व् उसके मुह पर ठुक दीया !अपमानित डेनियल ने दुर्गा संघ पर कोड़े बरसाने का आदेश दीया पर दुर्गा सिंह "वन्दे मातरम व् भारत माता की जय "का घोष करने लगे !डेनियल इससे गुस्सा हो गया और दुर्गा सिंह को फंसी पर लटकाने का आदेश दे दीया !दुर्गा सिंह के गले मैं फंसी का फंदा दाल दीया गया !ठाकुर दुर्गा सिंह का चेहरा जोशा से भरा हुआ था !सभी क्रांति करी उनके साथ देश भक्ति गीत गा रहे थे तभी उनके वफादार कुत्ते ने देंयल पर हमला बोल दीया ,और उसे काट लिया !डेनियल एक पल के लिए घबरा गया !अपमान से कांपते हुए डेनियल ने कुत्ते को गोली मर दे व् दुर्गा सिंह को फांसी दे दी गयी !इसके बाद मकदूम सिंह,जीना सिंह,दोलत सिंह,चन्दन सिंह,वजीर सिंह चौहान,तेज सिंह,सुमेर सिंह,किद्दा सिंह ,वसंत सिंह,साहब सिंह,बलवीर सिंह व् लाला झनकूमॉल को भी फांसी दे दी गई !पुरे दिन गाँव मैं लूट पाट,आगजनी व् बलात्कार का दमन चक्र चलता रहा !इसके बाद अंग्रेज वहां से चले गए !
चौधरी चंचल सिंह के दोनों पुत्र मात्र भूमि पर बलि चढ़ गए तथा चौधरी साहब की जमीदारी छीन ली गयी !गाँव को गोरो ने अपने अधीन कर लिया !गोरो के जाने के बाद चौधरी साहब ने अपने वफादारो के साथ उन 14 सपूतो को गड्ढे से बहार नकल कर उनका सामूहिक दह संस्कार किया !जिस जगह इन वीरो का दह संस्कार हुआ था वहां पर एक मद टायर करदे गई !जिसका नाम क्षत्रिय दीया गया !जो आज छत्री के नाम से जानी जाती है जो क्षत्रिय का बिगड़ा हुआ रूप हैं !
उन वीर सपूतो को नमन है जिन्होंने अपने प्राणों का बलिदान मात्रभूमि की लिए किया !